Saturday, June 14, 2025

Student making Dreams a Reality / सपनों को हकीकत बनाने वाला छात्र

🌟 सपनों को हकीकत बनाने वाला छात्र 🌟

रवि एक छोटे से गाँव में रहने वाला एक साधारण छात्र था। उसके पिता खेतिहर मजदूर थे और माँ घर का काम करती थीं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन रवि के सपने बहुत ऊँचे थे। वह इंजीनियरिंग करना चाहता था, पर उसे पता था कि यह रास्ता आसान नहीं है।



सबसे पहले तो गाँव में कोई अच्छी पाठशाला नहीं थी। रवि ने गाँव की सरकारी पाठशाला में ही अपनी पढ़ाई जारी रखी। उसे किताबें नहीं मिलती थीं, तो वह पंडितजी के बेटे से पुरानी किताबें ले आता था। रात में बिजली नहीं होती थी, तो वह दीये की रोशनी में बैठकर पढ़ता था। जब उसके दोस्त खेलते थे, तब रवि के हाथ में हमेशा पेन और कागज होते थे।


📚 सपनों की पहली परीक्षा – बोर्ड परीक्षा

दसवीं कक्षा में रवि ने टॉप ३ में स्थान प्राप्त किया। पूरे गाँव में चर्चा हो गई कि "खेतिहर मजदूर के बेटे ने कमाल कर दिया!" फिर भी उसके सामने एक बड़ी चुनौती थी – अब शहर जाकर आगे की पढ़ाई करनी थी।

पिता ने अपनी मोटरसाइकिल बेच दी, सिर्फ रवि के भविष्य के लिए। रवि के लिए वह सिर्फ एक भेंट नहीं थी, एक जिम्मेदारी थी। वह शहर गया, हॉस्टल में रहा और दिन-रात मेहनत करता रहा। जब दूसरे छात्र पार्टियों में जाते थे, तब रवि लाइब्रेरी में किताबों के साथ होता था।


🛤️ सपनों को पूर्णता की ओर ले जाते कदम

जैसे-जैसे समय बीतता गया, रवि का आत्मविश्वास बढ़ता गया। उसने JEE परीक्षा के लिए तैयारी शुरू की। पहले दो बार वह असफल रहा। उसकी आँखें नम हो गईं, लेकिन सपने नहीं टूटे। "असफल होना अंत नहीं है, शुरुआत है" – यह उसका मंत्र बन गया।

तीसरे प्रयास में उसने IIT-Bombay में प्रवेश पा लिया। परिवार के सभी सदस्यों की आँखें खुशी से भर आईं। आज जो परिवार दो वक्त की रोटी के बारे में सोचता था, आज उसका बेटा देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थान में पढ़ रहा था।


🌟 जब हकीकत का पिंजरा खुलता है...

IIT से ग्रेजुएशन के बाद रवि ने एक विदेशी कंपनी में नौकरी हासिल की। वहाँ से कमाकर उसने अपना ट्यूशन क्लास शुरू किया। आज वही रवि, अपने गाँव के पचास से अधिक छात्रों को मुफ्त में पढ़ाता है – और कहता है:


🔄 जीवन का एक नया मोड़

जब रवि अपनी नौकरी में स्थिर हो गया और उसने कुछ बचत करना शुरू किया, तब भी उसे अपने अंदर कुछ अधूरा-सा महसूस होता था। वह नौकरी अच्छी थी, कमाई भी अच्छी थी, पर मानसिक संतोष नहीं था। एक रात उसने खुद से पूछा,

"क्या जीवन सिर्फ अच्छी नौकरी और वेतन तक ही सीमित है?"

वहाँ से उसने फैसला किया कि वह अपना ट्यूशन क्लास शुरू करेगा। उसकी दृढ़ इच्छा थी – अपने जैसे अन्य छात्रों को अवसर प्रदान करना। उसने एक छोटी-सी जगह किराए पर ली, दो मेज और पाँच कुर्सियों के साथ शुरुआत की।

शुरुआत में केवल तीन छात्र आए। एक साल में यह संख्या बढ़कर पचास हो गई। रवि ने कभी फीस नहीं ली – शर्त बस इतनी थी कि बच्चे में पढ़ने की इच्छा होनी चाहिए।


🌱 परिश्रम का बीज, सफलता का वृक्ष

रवि अब सिर्फ शिक्षक नहीं था, एक मार्गदर्शक था। वह कई छात्रों को प्रशिक्षित करता – कोई पुलिसकर्मी बना, कोई डॉक्टर, तो कोई इंजीनियर। रवि का नाम आज उसके गाँव के हर घर में सम्मान के साथ लिया जाता है।

वह बच्चों को अक्सर कहता था:

"मेरा सपना पूरा हुआ क्योंकि मैंने हार नहीं मानी। अब आपका सपना आपको पूरा करना है – मैं बस रास्ता दिखाता हूँ।"

रवि के प्रयासों से आज वह गाँव, जो कभी शिक्षा से वंचित था, अब शिक्षा में अन्य गाँवों के लिए एक उदाहरण बन चुका है।


🌟 अंत में संदेश

जीवन में संघर्ष तो अवश्य आते हैं, लेकिन जो व्यक्ति अपने मन में अटल विश्वास रखता है, जीवन उसे कभी खाली हाथ नहीं छोड़ता।

रवि जैसी कहानी यह सिखाती है कि, अगर आपका मन सच्चा हो, तो गरीबी, कमी या समस्याएँ भी आपको रोक नहीं सकतीं।

सपनों को पंख लगते हैं – जब आप उन्हें हकीकत में बदलने के लिए दृढ़ता, धैर्य और निष्ठा से प्रयास करते हैं।


📌 चिंतन के लिए प्रेरक वाक्य:

"सपने का आकार महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सपने को पूरा करने के पीछे आपका संकल्प ही आपका भविष्य गढ़ता है।"

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