खतरनाक लत: युवाओं में गुटखा, तंबाकू और सिगरेट की लत और इसके दुष्परिणाम
1. भूमिका: युवाओं में गुटखा, तंबाकू और सिगरेट की बढ़ती प्रवृत्ति
आज की युवा पीढ़ी तेज़ी से बदलती जीवनशैली, सामाजिक दबाव और तनाव के चलते ऐसी आदतों की ओर आकर्षित हो रही है जो उनके स्वास्थ्य और भविष्य दोनों के लिए बेहद खतरनाक हैं। गुटखा, तंबाकू और सिगरेट का सेवन अब केवल एक बुरी लत नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है।
गुटखा एक तंबाकू उत्पाद है जिसमें सुपारी, चूना, केमिकल और फ्लेवर मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे चबाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
तंबाकू अलग-अलग रूपों में उपलब्ध होता है – जैसे बीड़ी, खैनी, जर्दा, आदि।
सिगरेट, जो धूम्रपान का सबसे आम रूप है, तंबाकू से बनी होती है और निकोटिन नामक एक नशीले पदार्थ से भरपूर होती है।
दुख की बात यह है कि इनका सेवन करने वालों में बड़ी संख्या युवा वर्ग की है, खासकर स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र, जो या तो शौकिया तौर पर या फिर दोस्तों के दबाव में आकर इसकी शुरुआत करते हैं।
2. स्वास्थ्य पर प्रभाव: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा
(क) शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
-
कैंसर का खतरा:
गुटखा और तंबाकू में कैंसरजनक पदार्थ होते हैं। विशेषकर ओरल कैंसर (मुख का कैंसर) और फेफड़ों का कैंसर इनमें आम हैं। -
फेफड़ों की बीमारियां:
सिगरेट पीने से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी बीमारियां हो जाती हैं। -
हृदय रोग:
निकोटिन हृदय की धड़कन को तेज करता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। -
दांत और मुंह की समस्याएं:
गुटखा चबाने से दांत पीले पड़ जाते हैं, मसूड़ों में सूजन और बदबू की समस्या हो जाती है। लंबे समय तक सेवन करने पर मुंह खुलने में कठिनाई (सबम्यूकस फाइब्रोसिस) होने लगती है। -
शारीरिक निर्बलता और थकान:
इन पदार्थों का सेवन शरीर की ऊर्जा को कम करता है, जिससे थकान, कमजोरी और सक्रियता में कमी आ जाती है।
(ख) मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
-
तनाव और चिंता:
शुरुआत में तंबाकू या सिगरेट तनाव कम करने वाला प्रतीत हो सकता है, लेकिन लम्बे समय में यह मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। -
नींद में बाधा:
निकोटिन मस्तिष्क को उत्तेजित करता है जिससे नींद न आना, बेचैनी और थकावट बनी रहती है। -
डिप्रेशन:
कई शोधों में यह सामने आया है कि इनका सेवन करने वाले युवाओं में डिप्रेशन की समस्या अधिक देखने को मिलती है। -
लत की गिरफ्त:
तंबाकू और सिगरेट का मुख्य घटक ‘निकोटिन’ अत्यधिक नशीला होता है। इसके कारण व्यक्ति बार-बार इसका सेवन करने लगता है, जिससे धीरे-धीरे लत लग जाती है।
3. सामाजिक प्रभाव: रिश्ते, शिक्षा और करियर पर असर
(क) सामाजिक रिश्तों में दरार
जब कोई युवा गुटखा, तंबाकू या सिगरेट का आदी बन जाता है, तो उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। वह दोस्तों और परिवार से दूर होने लगता है। पारिवारिक रिश्तों में तनाव आ जाता है, और सामाजिक छवि भी खराब होती है।
(ख) पढ़ाई पर प्रभाव
ऐसे युवा पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट, ऊर्जा की कमी और चिड़चिड़ापन उनकी एकाग्रता को कम कर देता है। नतीजतन परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आ पाते और उनका आत्मविश्वास भी गिरता है।
(ग) करियर पर खतरा
नशे के आदी युवाओं को समय पर काम पूरा करने में दिक्कत होती है, वे प्रोफेशनल दुनिया की मांगों को पूरा नहीं कर पाते। यहां तक कि कई कंपनियां सिगरेट या तंबाकू का सेवन करने वालों को नौकरी नहीं देतीं।
4. बेहतर विकल्प: तनाव और दबाव से निपटने के स्वस्थ उपाय
(क) फिजिकल एक्सरसाइज और योग
नियमित रूप से व्यायाम या योग करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह तनाव को कम करता है और मानसिक संतुलन बनाए रखता है।
(ख) मेडिटेशन और ध्यान
ध्यान एक प्रभावी उपाय है जिससे मस्तिष्क शांत रहता है और अंदरूनी मजबूती मिलती है।
(ग) हॉबीज़ अपनाएं
पेंटिंग, म्यूजिक, डांस, राइटिंग जैसी रचनात्मक गतिविधियां युवाओं को व्यस्त और प्रेरित रखती हैं। यह समय को सकारात्मक रूप से उपयोग करने का तरीका है।
(घ) हेल्दी फ्रेंड सर्कल
अच्छे दोस्तों का साथ बहुत मायने रखता है। अगर आप ऐसे लोगों के साथ रहेंगे जो आपकी भलाई चाहते हैं और नशे से दूर रहते हैं, तो आप खुद भी अच्छा महसूस करेंगे।
(ङ) काउंसलिंग और थेरेपी
अगर किसी को नशे की लत लग चुकी है, तो वह काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट की मदद ले सकता है। आजकल अनेक संस्थाएं और हेल्पलाइन हैं जो युवाओं की सहायता के लिए तत्पर हैं।
5. युवाओं के लिए आह्वान: जागरूक बनें, दूसरों को जागरूक करें
युवाओं में ऊर्जा और परिवर्तन की शक्ति होती है। अगर आप खुद इन आदतों से दूर रहते हैं और अपने दोस्तों को भी रोकते हैं, तो आप समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
-
अपने स्कूल या कॉलेज में नशा विरोधी कैंपेन शुरू करें।
-
सोशल मीडिया का उपयोग जागरूकता फैलाने के लिए करें।
-
यदि आपके किसी मित्र को इस आदत की लत लग गई है, तो उसके साथ बात करें, उसे सहारा दें, और सही मदद तक पहुंचाएं।
याद रखें, आपकी एक छोटी सी कोशिश किसी की जिंदगी बदल सकती है।
6. निष्कर्ष: अपने भविष्य की रक्षा कीजिए
गुटखा, तंबाकू और सिगरेट जैसी लतें आपकी सेहत, सोच, रिश्ते और करियर को अंदर से खोखला कर देती हैं। ये थोड़े समय का सुकून जरूर देती हैं, लेकिन लम्बे समय में घातक होती हैं। युवा जीवन उत्साह, जोश और निर्माण का समय होता है, न कि खुद को नष्ट करने का।
अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी खुद लीजिए। अपने शरीर और दिमाग को प्यार दीजिए। स्वस्थ विकल्प अपनाइए, और अपने सपनों की उड़ान में किसी नशे को बाधा न बनने दीजिए।
"अपना आज बचाइए, ताकि कल गर्व से कह सकें – मैंने सही चुना था।"
BUY SOMTHING HEALTHY FOR YOUR BODY
No comments:
Post a Comment